झूलन गोस्वामी ने आखिरी मैच से पहले क्रिकेट करियर के बारे में क्या-क्या बताया?

अपने कार्रीर मई आखिरी मैच से पहले झूलन गोसवामी ने काफी कुछकहा और कुछ याद ताज़ा की है.

20 साल के शानदार करियर के बाद दिग्गज तेज गेंदबाज झूलन गोस्वामी आज लॉर्ड्स मैदान में इंग्लैंड के खिलाफ अपना अंतिम मैच खेलने के बाद अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले लेंगी. ढेर सारे रिकॉर्ड तोड़ने, भारत के लिए ढेर सारे मैच जीतने और महिला व पुरुष क्रिकेटरों की एक पीढ़ी को प्रेरित करने के बाद झूलन को भारतीय जर्सी में शानदार विदाई मिलेगी.अब वह इस खेल से विदा ले रही है , एक उम्र के बाद अब वह इस खेल को अंतिम विदाई दे रही है और अपना आखिरी गेम लॉर्ड्स के मैदान पर खेल रही है . झूलन का करियर शानदार रहा है. उन्होंने 12 टेस्ट मैचों में 44 विकेट हासिल किए हैं, जबकि 203 महिला वनडे में 253 विकेट और 68 टी20 में 56 विकेट लिए हैं. वह भारत के लिए अपने आखिरी गेम में महिला वनडे में अपनी विकेटों की संख्या बढ़ाने की कोशिश करेंगी.

महिला एकदिवसीय क्रिकेट में सबसे अधिक विकेट लेने वाली झूलन ने भारत और इंग्लैंड के बीच तीसरे वनडे की पूर्व संध्या पर आखिरी बार मीडिया को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने अपने रिकॉर्ड-ब्रेकिंग करियर, उनकी प्रेरक विरासत, सर्वश्रेष्ठ लम्हों, उतार-चढ़ाव और आखिरकार अपने रिटायरमेंट के फैसले जैसे विषयों पर चर्चा की.

मिताली राज के साथ खेलने और अपनी विरासत पर

जब मैंने शुरुआत की थी तो इतने लंबे समय तक खेलने के बारे में कभी नहीं सोचा था. यह बहुत अच्छा अनुभव था. हम दोनों अंडर-19 के दिनों से साथ खेल रहे हैं. मैदान में और उसके बाहर हमारे अच्छे संबंध रहे. हमने साथ मिलकर भारतीय महिला टीम को मौजूदा स्थिति तक पहुंचाया. हमें विश्वास था कि हम महिला क्रिकेट का चेहरा बदल सकते हैं. हमें यकीन था कि हम दुनिया की शीर्ष तीन या चार टीमों में शामिल हो सकते हैं. लेकिन एक दिन में ऐसा नहीं किया जा सकता था. हमने घंटों चर्चा की और बहुत सारे उतार-चढ़ाव से गुजरे. लेकिन हमें हमेशा अपनी क्षमता पर विश्वास था. टीम का माहौल हमेशा अच्छा रहा. यह एक शानदार अनुभव था. हम सभी ने हर पल का आनंद लिया. मैं बहुत भाग्यशाली हूं. चकदाहा से आने के बाद मुझे महिला क्रिकेट या इस खेल के पेशेवर तौर-तरीकों के बारे में कोई जानकारी नहीं थी. लेकिन मैं काफी भाग्यशाली हूं और अपने परिवार, दोस्तों और माता-पिता को धन्यवाद देती हूं कि उन्होंने शुरू से ही मेरा साथ दिया. यह मेरे लिए बहुत अच्छा अनुभव था.

क्रिकेट के कही यादगार पल है , और मई वह उन्न्याद्गर पल के साथ पूरी ज़िन्दगी खुश रहूंगी और उन्हें हर लम्हा याद कर के हसूंगी , ऐसा कहा झूलन गोस्वामी ने अपने आखिरी मैच मई.

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